: कर्म विज्ञान का बोध: कर्म फल का सिद्धान्त/swami shivendra swroop
कर्म फल का सिद्धान्त अब विचार करना है कर्म फल का सिद्धान्त क्या है? तो आइए विचार प्रारम्भ करते हैं: श्रीमद्भगवद्गीताजी वाले भगवान् श्री वासुदेव कृष्ण कहते हैं- कर्मजं बुद्धियुक्ता हि फलं त्वक्रवा मनीषिणः । जन्मबन्धविनिर्मुक्ताः पदं गच्छत्यनामयम् ॥ अर्थात् क्योंकि समबुद्धि से युक्त ज्ञानी जन कर्मों से उत्पन्न होनेवाले फल को त्यागकर जन्मरूप बन्धन […]
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